एक नई कहानी की तलाश में
एक नई कहानी की तलाश तो
हमेशा रहती एक लेखक को।
मैं भी एक लेखक हूं ,
रोज कुछ नया लिखना चाहती
रोज कुछ नया सोचती।
नएपन की खोज लगी रहती।
ऐसी ही एक खोज करते करते
मैं अपनी कहानी को ही जीने लगी हूं।
जो किसी भी खोज से कम नहीं।
कभी कभी हम जो खोजते वो हमारे पास ही होता, पर हम दूर
दराज खोजने निकल जाते।
हमारा अपना जीवन कौनसी
किसी कहानी से कम है।
हर रोज कुछ नया रंग देखने को
मिलता ।
हर दिन जिंदगी एक नया रूप
एक नया ढंग, निराला दिखाता।
जिंदगी के उतार चढ़ाव इतने है
जिंदगी के गम और आसूं इतने
है ,जो खुशी से कम ही लगते।
कभी अपने आप से ही मायूसी होती।
कभी अपना जीवन भी घुटन सा लगता।
कितनी ही तकलीफ भरे किस्से मन में दबे है,
पर फिर एक नए उमंग नए उल्हास से जीने को आतुर रहते।
ये हमारी रोज मर्रा की जिंदगी
क्या कहानी से कम है।
आपदा और विपदा की
जटिल कहानी हर रोज ही
जीनी होती हमें।
यही मेरी कहानी है
मुझे अपनी ही कहानी
के नए अंदाज की तलाश है
एक नए सुबह के आगाज की
तलाश है।
By : Poetry Khakholia Mundra
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